Saturday, July 30, 2011

दिल्ली पुलिस में मुसलमान प्रमोशन से वंचित'

बीते सप्ताह राजनैतिक, सामाजिक मुद्दों सहित अनेक ज्वलंत मुद्दों पर उर्दू अखबारों ने खुलकर अपना नजरिया पेश किया है। पेश है इस बाबत उर्दू अखबारों की राय। उर्दू का सबसे बड़ा अखबार दैनिक `हिन्द समाचार' ने `गडकरी पहले अपने गिरेबां में झांकें' की शीर्षक से लिखे सम्पादकीय में चर्चा करते हुए लिखा है। कर्नाटक सरकार की तरफ से अधिग्रहण जमीन का अधिग्रहण खत्म कर अपने रिश्तेदारों को अलॉट करने, अपने नजदीकी मंत्री को एक बिल्डर से छह करोड़ रुपये दिलाने और अपने मंत्रिमंडल में शामिल खनन व्यावसायी रेड्डी बंधुओं को लाभ पहुंचाने आदि के आरोप में घिरे मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा अब लोक आयुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े की ओर से सौंपी जाने वाली 1827 करोड़ रुपये के गैर-कानूनी खनन घोटाले से संबंधित रिपोर्ट में बुरी तरह फंस गए हैं।

एक टीवी चैनल की ओर से लोक आयुक्त की लीक हुई इस रिपोर्ट में येदियुरप्पा का नाम आने पर कांग्रेस एवं अन्य पार्टियों ने जब इससे त्यागपत्र मांगा तो भाजपा अध्यक्ष ने इसका बचाव करते हुए कह दिया कि हम लोक आयुक्त की रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर कार्यवाही करेंगे। लेकिन जब 1.76 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम घोटाले में पूर्व संचार मंत्री ए. राजा ने 25 जुलाई को सीबीआई की विशेष अदालत में यह कहा कि इस लेनदेन में डॉ. मनमोहन सिंह और पी. चिदम्बरम को पूरी जानकारी थी तो गडकरी ने तुरन्त ही दोनों से त्यागपत्र की मांग कर डाली। जहां तक स्पेक्ट्रम घोटाले में राजा के लिप्त होने और इन दोनों को जानकारी होने का सवाल है। गडकरी की मांग सही है लेकिन गडकरी को उनसे त्यागपत्र मांगने का कोई नैतिक हक नहीं है। गडकरी पहले ही यह कर उन्हें `बरी' कर चुके हैं कि येदियुरप्पा की कार्यवाही गैर-कानूनी नहीं अनैतिक है। श्री गडकरी पहले अपनी पार्टी का दामन साफ करें इसके बाद ही कांग्रेस को सफाई की नसीहत दें।

`दिल्ली पुलिस में मुसलमान प्रमोशन से वंचित, 15 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी के बावजूद पुलिस में प्रतिनिधित्व 2 फीसदी से भी कम' के शीर्षक दैनिक `हमारा समाज' में सादिक शेरवानी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि करोड़ों की आबादी के बावजूद दिल्ली में एक भी मुस्लिम डीसीपी नहीं है जिसको फुल चार्ज दिया गया हो। दिल्ली के कुल 186 थानों में तैनात एसएचओ में मुसलमानों की संख्या दो है जबकि कुल 181 एडीशनल एसएचओ में एक भी मुस्लिम नहीं है। 186 इंस्पेक्टर एटीओ में केवल 2एटीओ इंस्पेक्टर मुस्लिम हैं। दिल्ली पुलिस में उच्च पदों पर तरक्की देने से मुसलमानों को रोका जाता है। इस तरह का आरोप लगाते हुए कई संगठनों ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग से शिकायत की थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली पुलिस से जानकारी मांगी थी। गृह मंत्रालय द्वारा भेजी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस में स्पेशल/ज्वाइंट एडीशनल पुलिस आयुक्त की कुल संख्या 44 है। इनमें केवल एक मुस्लिम है जबकि तीन सिख समुदाय से हैं। इसी तरह एसीपी की संख्या 266 है और इनमें से केवल 7 मुस्लिम हैं, सिख 18 हैं। इंस्पेक्टरों की कुल संख्या 1315 है जिनमें से केवल 14 मुस्लिम हैं जबकि 40 सिखों को तरक्की दी गई है। इसी तरह हेडकांस्टेबल को तरक्की देकर एएसआई बनाया जाता है। एएसआई की कुल संख्या 6100 है जिनमें से 173 मुस्लिम हैं, 238 सिख हैं अर्थात् प्रमोशन के लिहाज से मुसलमान सिख समुदाय से पीछे हैं।

`हिना रब्बानी का भारत दौरा' के शीर्षक से दैनिक `इंक्लाब' ने चर्चा करते हुए लिखा है कि पाकिस्तान की नई और प्रथम महिला विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार का भारत दौरा उसी सिलसिले की कड़ी है जिसके तहत दोनों देशों के अधिकारी और मंत्री एक-दूसरे से मिलते रहते हैं। हिना रब्बानी ने भारत आने के पूर्व और भारत पहुंचकर जिस तरह के बयानात दिए हैं उनमें डिप्लोमैटिक शब्दों और प्रचलित शब्दावलियों के अलावा यदि कुछ है तो यह कि कुछ नहीं है। उनके यह शब्द आकर्षक हैं इसलिए सुनने में भी अच्छे मालूम होते हैं। दोबारा बातचीत, दूरी से बेहतर हैं और इतिहास से सबक लिया जाता है और इसे बोझ नहीं समझा जाता। हमें इन शब्दों में कोई गम्भीर पहल का जज्बा दिखाई नहीं पड़ता। एक बात साफ है कि पाकिस्तान अपनी शर्तों पर दोस्ती करना चाहेगा तो रिश्ते मजबूत होना तो दूर की बात, दोस्ती का वातावरण भी पैदा नहीं हो सकता। हिना रब्बानी का यह पहला दौरा है। इसी दौरे से उनके अगले दौरे की शुरुआत हो रही है। इस दौरे की कामयाबी ही उनके अगले दौरे की कामयाबी की जमानत होगी ऐसे में फैसला उन्हीं को करना है कि वह क्या चाहती हैं।

दैनिक `प्रताप' में सम्पादक अनिल नरेन्द्र ने अपने सम्पादकीय में लिखा है कि लगभग एक सप्ताह बाद संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। पहले से ही कई तरफ से घिरी कांग्रेस पार्टी और उनके प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और घिरने वाले हैं। विपक्ष ने पहले से ही कई मुद्दों पर सरकार के खिलाफ घेराबंदी तेज कर दी है। ऐसे में ए. राजा का सीबीआई की विशेष अदालत में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर सीधे आरोप लगाने से पार्टी और सरकार दोनों की खासी खिंचाई होने की संभावना है। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट के फटकार झेल चुके प्रधानमंत्री का नाम अब इस विवाद में घसीटे जाने से यूपीए सरकार में खलबली मचना स्वाभाविक है।

ए. राजा के अदालती बयान से चिंतित सरकार ने अपने रणनीतिकार मंत्रियों की फौज `डैमेज कंट्रोल' के लिए लगा दी है। कपिल सिब्बल से लेकर पी. चिदम्बरम, पवन बंसल और नारायणस्वामी तक सभी राजा के बयानों को एक अपराधी का बयान साबित कर विपक्ष के हमलों का जवाब तैयार करने में जुट गए हैं।

उर्दू अखबारों को घर-घर पहुंचाने के उद्देश्य से इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन एसोसिएशन ने अपनी मुहिम के पहले दिन इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष शमीम अहमद की अगुवाई में जामा मस्जिद गेट नम्बर 2 पर उर्दू अखबार बेचे गए। तीन घंटों में तीन हजार अखबार बेचे गए। दैनिक `सहाफत' में मोहम्मद अंजुम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि `उर्दू की तरक्की, कौम की तरक्की' का बैनर उठाए मुहिम के कार्यकर्ताओं को देखने के लिए एक भीड़ जमा हो गई। इस मुहिम में दयाल सिंह कॉलेज के उर्दू विभाग के अध्यक्ष डॉ. मौला बख्श, दैनिक `अदंलीब' के सम्पादक मोहम्मद मुस्तकीम खाँ, विख्यात शायर डॉ. शोएब रजा फातमी, डॉ. एमआर कासमी, अब्दुल अलीम अंसारी, डॉ. अमीर अमरोही, अखबार नौ के जावेद कमर, `वक्त और समाज के सम्पादक शमीम अहमद, अख्तर हुसैन अंसारी एवं अन्य जानी-मानी हस्तियां शामिल थीं।' इस मुहिम का मकसद उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा दिलाना और लोगों को उर्दू अखबार खरीद कर पढ़ने के लिए प्रेरित करना है। मुहिम का यह पहला दिन है। मुहिम अभी जारी रहेगी।

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