Tuesday, January 8, 2013

दुष्कर्मियों को मौत की सजा


महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा पर चर्चा करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एम वदूद साजिद ने दैनिक `इंकलाब' के स्तंभ में लिखा है कि मैंने 12 वर्ष पूर्व एक महिला कामरेड नेता का साक्षात्कार लिया था। साक्षात्कार के दौरान महिलाओं का यौन शोषण और हिंसा पर चर्चा करते हुए उन्होंने पूछा था कि अरब देशों में इस तरह की घटनाएं क्यों नहीं होती हैं? कई गैर मुस्लिम नेता भी इस तरह का विचार व्यक्त करते रहे हैं। महात्मा गांधी ने अपराध, भ्रष्टाचार और अन्य सामाजिक बुराइयों पर काबू पाने के लिए हजरत उमर की खिलाफत (शासन) को पसंद किया था। ताजा घटनाक्रम में यहां के कुछ नेतागण दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के एक मुस्लिम सांसद ने संसद में बहस के बीच दोषियों को इस्लामी कानून के अनुसार सजा देने की मांग की। हत्या और लूटपाट की घटनाओं में शराब की बड़ी भूमिका होती है। सवाल यह है कि इस खराब चीज की पैदावार और उसे बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध क्यों नहीं लगा दिया जाता? सरकार, नेता और अधिकारी इस कारोबार से अरबों रुपए कमाते हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ऐसी घटनाओं को रोकने के प्रयासों में व्यस्त हैं लेकिन किसी ने भी शराब के पीने पर पाबंदी के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। शायद भारत में शराब पर प्रतिबंध इसलिए भी नहीं लगाया जा सकता क्योंकि इस्लाम ने इसे हराम करार दिया है। वरिष्ठ पत्रकार शकील शम्शी ने सही लिखा है कि मुस्लिम मोहल्लों में महिलाएं पूर्ण संरक्षण के साथ घूमती हैं जबकि अन्य इलाकों में महिलाएं रात नौ बजे के बाद घरों से बाहर नहीं निकल सकतीं।
दुष्कर्मियों को सजा ए मौत दिए जाने की मांग पर दैनिक `राष्ट्रीय सहारा' ने `क्या सजा ए मौत वास्तविक इलाज है' के शीर्षक से अपने सम्पादकीय में लिखा है कि इस पर विचार क्यों नहीं किया जाता कि यह घृणित कार्य समाज में शामिल कुछ व्यक्तियों की आपराधिक मानसिकता के कारण होते हैं अथवा हमारे समाज में ऐसी कोई बुराई आ गई है जिसका इलाज शायद सजा ए मौत भी  नहीं है। टीवी पर ऐसे शो दिखाए जाते हैं जिनमें बताया जाता है कि शादी से पूर्व आपसी संबंध बना लेने में कोई खराबी नहीं है, मर्द और औरत शादी के बिना भी मियां-बीवी की तरह एक-दूसरे के साथ रह सकते हैं। अदालतें भी अब लिव इन रिलेशनशिप को स्वीकार करने लगी हैं। जब गुजरात जैसे राज्यों में एक मर्द को दूसरी औरत को रखना कानूनी संरक्षण हासिल हो जाता है तो आम सोच कन्फ्यूज हो जाती है। गुजरात विधानसभा ने वर्षों पूर्व यह कानून पास किया था कि एक शादीशुदा मर्द दूसरी औरत भी रख सकता है, लेकिन इससे शादी करना गैर कानूनी होगा क्योंकि हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत एक से ज्यादा बीवी रखना जुर्म माना जाएगा। दिल्ली के विजय चौक पर जिस गुस्से का इजहार हुआ, वह बिल्कुल सही है उसी दिन कालेज के एक छात्र ने अपनी क्लासफेलो को इसलिए चाकू मार दिया कि उसने शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत नहीं दी। विरोध प्रदर्शन करने वालों को यह नहीं भूलना चाहिए कि सिर्प कानून इस मानसिकता का इलाज नहीं है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहमान मलिक के भारत दौरे पर चर्चा करते हुए हैदराबाद से प्रकाशित दैनिक `मुनसिफ' ने अपने सम्पादकीय में लिखा है कि कुल मिलाकर उनका दौरा दोनों देशों के लिए बड़ी कामयाबी के तौर पर साबित नहीं हुआ। ऐतिहासिक आसान वीजा व्यवस्था पर हस्ताक्षर से जनता को क्या फायदा पहुंचेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इसकी कार्यप्रणाली में आसानी से व्यवसाय के लिए नए अवसर जरूर पैदा किए हैं। इस एक सकारात्मक कदम के अलावा दोनों देशों के नेतागण अन्य मुद्दों पर गंभीरता से बातचीत करने में नाकाम रहे। मेहमान मंत्री ज्यादातर भारत को आतंकी समस्याओं से संबंधित मसलों को विवादित करने की कोशिश करते रहे जिससे यह जाहिर होता है कि पड़ोसी देश इन मामलों से निपटने के लिए गंभीरता से बातचीत के लिए तैयार नहीं है। मलिक के उलटे-सीधे बयानों ने भारतीय शासकों को नाराज कर दिया जबकि भारत दौरे पर आने से पूर्व मलिक ने कहा था कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को और बेहतर बनाने के इच्छुक हैं। ऐसी भड़काऊ टिप्पणी के कारण दौरे के खत्म होने से पूर्व दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को भी संबोधित नहीं किया। इस समय दोनों देशों की समस्याओं में कई समानता पाई जाती है और यदि इस बाबत गंभीरता का प्रदर्शन नहीं किया गया तो यह समस्याएं हम पर और छा जाएंगी जिसके नतीजे हम 50 साल से भी अधिक समय से देख रहे हैं।
`अब इजरायल करेगा हिन्दुस्तान की सुरक्षा' के शीर्षक से साप्ताहिक `नई दुनिया' ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि गत कुछ वर्षों के दौरान भारत को लगभग 9 बिलियन डालर के हथियार बेचने वाला अमेरिका हक्का-बक्का खड़ा है, क्योंकि इजरायल ने आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था और हथियारो पर आकर्षित पेशकश के साथ भारत को अमेरिकी हथियारों का सौदा खत्म करने पर मजबूर कर दिया है। आश्चर्य की बात यह है कि फलस्तीन के संबंध में हिन्दुस्तान के स्पष्ट दृष्टिकोण के बावजूद हिन्दुस्तान से दूरी बनाने की बजाय इजरायल नजदीकी चाहता है क्योंकि उसकी नजर हिन्दुस्तान के रक्षा बजट पर है जो इजरायल की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम करेगी। वर्तमान में भारत एशिया में इजरायल से व्यवसाय करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है।
अमेरिकी खुफिया विभाग के मुताबिक `इस्लामी आतंकवाद 2030 तक खत्म हो सकता है' पर `सहरोजा दावत' में सम्पादक परवाज रहमानी ने अपने बहुचर्चित स्तंभ `खबरो नजर' में चर्चा करते हुए लिखा है कि टाइम्स आफ इंडिया में प्रकाशित यह रिपोर्ट बताती है कि पूर्ण रूप से इसके खत्म होने की संभावना नहीं है बल्कि इसका क्षेत्र आर्थिक और वित्तीय आतंक के रूप में और फैल सकता है। अमेरिका की नेशनल इंटेलीजेंस कौंसिल की इस रिपोर्ट का नाम है `ग्लोबल ट्रेंडस 2020'। इसमें विभिन्न पहलुओं से विश्व रुझानों का जायजा लिया गया है और आगामी 18 सालों में होने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी भी की गई है। इस रिपोर्ट द्वारा दरअसल अमेरिका दुनिया को यह बताना चाह रहा है कि वह अगले 18 वर्षों में क्या करने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार वह विरोधी देशों की अर्थव्यवस्था को कमजोर बल्कि तबाह और दोस्त देशों की अर्थव्यवस्था पर कंट्रोल करने वाला है। `इस्लामी आतंक' से लड़ने के नाम पर दुनिया के विभिन्न भागों में अपने एजेंटों द्वारा हिंसक घटनाएं करवाएगा। इसके लिए इस्लामी ग्रुपों को जिम्मेदार करार देकर इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ अपनी शैतानी मुहिम को और तेज करेगा। वह जानते हैं कि इस्लामी व्यवस्था आएगी तो अपने साथ ब्याज रहित अर्थव्यवस्था लाएगी जो अमेरिका और यहूदियों की ब्याज आधारित प्रणाली को खत्म कर देगी। इसीलिए दुनिया को इस्लाम से भयभीत करने के लिए अमेरिका नए-नए तरीके इस्तेमाल कर रहा है।
`ब्लादिमीर पुतिन भारत आपका सम्मान करता है, स्वागत करता है' के शीर्षक से दैनिक`प्रताप' के सम्पादक अनिल नरेन्द्र ने अपने सम्पादकीय में लिखा है कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने भारत यात्रा के दौरान 42 सुखोई लड़ाकू विमानों और 71 मीडियम लेफ्ट हेलीकाप्टर के चार अरब डालर मूल्य के रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत रूस के आधुनिकतम सुखोई-30 एमकेआई युद्धक विमानों का भारत में उत्पादन होगा तथा रात में सैन्य कार्यवाही करने में सक्षम 71 सैनिक हेलीकाप्टर रूस से खरीदे जाएंगे। रूसी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री ने दोनों देशों की 13वीं शिखर बैठक में द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की। इस दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक व व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए करीब 10 समझौतों पर करार हुए। ब्लादिमीर पुतिन हमारे सम्मान के हकदार हैं। वर्ष 2000 में सत्ता संभालने के बाद उन्होंने भारत-रूस संबंधों को येल्तसिन युग से बाहर निकालकर एक नई दोस्ती की शुरुआत की है।

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